Google Search Console पर अपनी वेबसाइट की पुष्टि करना वेबमास्टर और साइट ओनर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आपको अपनी वेबसाइट के प्रदर्शन पर जानकारी और डेटा उपलब्ध कराता है, जो Google Search पर आपकी वेबसाइट की दिखावट और परफॉरमेंस पर प्रभाव डाल सकते हैं। इस स्टेप बाय स्टेप गाइड में, हम आपको Google Search Console पर अपनी वेबसाइट की ओनरशिप वेरिफिकेशन करने की प्रक्रिया के माध्यम से ले जाएंगे, जिससे आपको अपनी साइट के लिए सर्वोच्च नियंत्रण और अनुमतियां प्राप्त होंगी।
गूगल सर्च कंसोल में वेबसाइट कैसे सत्यापित करें (Step by Step Guide to Verify Website in Google Search Console in Hindi)
ओनरशिप वेरिफिकेशन का महत्व:
ओनरशिप वेरिफिकेशन Google Search Console पर आपकी वेबसाइट के ओनर होने की पुष्टि करना है। ओनरशिप वेरिफिकेशन के द्वारा, आप अपनी साइट के प्रदर्शन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंच प्राप्त करते हैं और Google Search और अन्य Google सेवाओं पर आपकी साइट की दिखावट और व्यवहार को प्रभावित करने की के लिए एक्शन ले पते हैं।
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ओनर वेरिफिकेशन करने के लिए ऑप्शंस:
Google Search Console विभिन्न वेरिफिकेशन के तरीको का समर्थन करता है जिसके माध्यम से आप अपनी वेबसाइट की वेरिफिकेशन कर सकते हैं। यहां, उपलब्ध तरीको की सूची दी गई है:
- Txt Record (recommended by Google)
- HTML फ़ाइल अपलोड
- HTML टैग
- Google Analytics ट्रैकिंग कोड
- Google Tag Manager
- Google साइट्स, ब्लॉगर, या डोमेन खाता
- डोमेन नेम प्रोवाइडर
गूगल सर्च कंसोल में वेबसाइट कैसे सत्यापित करें स्टेप बाय स्टेप गाइड
स्टेप 1: Google Search Console तक पहुंचें
- अपने Google खाते में लॉग इन करें।
- Google Search Console वेबसाइट पर जाएं।
स्टेप 2: नई प्रॉपर्टी ऐड करे
- एक नई प्रॉपर्टी जोड़ें या वेरिफ़िएड न की गई प्रॉपर्टी का चयन करें।
स्टेप 3: वेरिफिकेशन का तरीका चुने
- अपनी वेबसाइट के लिए इच्छित वेरिफिकेशन का मेथड चुने ।
- मेथड चुने के बाद उसके नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करें.
स्टेप 4: मल्टीप्ल वेरिफिकेशन के तरीके (वैकल्पिक)
- आप अपनी प्रॉपर्टी के वेरिफिकेशन सेटिंग मेथड्स पर एकाधिक वेरिफिकेशन तरीके जोड़ सकते हैं। यदि एक तरीका विफल हो जाता है तो यह आपको और तरीके भी देता है।
- प्रॉपर्टी के सेटिंग पृष्ठ पर जाएं और “ओनर वेरिफिकेशन” पर क्लिक करें।
चरण 5: चाइल्ड प्रॉपर्टी वेरिफिकेशन
- किसी प्रॉपर्टी को वेरिफीय करने के बाद, आपके द्वारा जोड़ी गई कोई भी चाइल्ड प्रॉपर्टी स्वचालित रूप से उसी मेथड का उपयोग करके वेरिफीय हो जाएगी जिस मेथड से मूल प्रॉपर्टी वर्फ़िय की गई थी।
- उदाहरण के लिए, यदि आपने HTML फ़ाइल अपलोड विधि का उपयोग करके “example.com” का स्वामित्व सत्यापित किया है, तो आपके द्वारा बनाई गई कोई भी चाइल्ड प्रॉपर्टी (जैसे कि “m.example.com” या “https://example.com /some/path”) केवल HTML फ़ाइल अपलोड मेथड का उपयोग करके स्वचालित रूप से वेरीफाई होगी।
चरण 6: वेरिफिकेशन पीरियड
- वेरिफिकेशन तब तक स्थायी है जब तक सर्च कंसोल आपके वेरिफिकेशन टोकन को आप की वेबसाइट पर ढूंढ सकता है।
- सर्च कंसोल नियमित रूप से टोकन की स्थिति की जांच करता है।
- यदि वेरिफिकेशन टोकन आप की वेबसाइट पे नहीं मिलती है, तो आपको सूचित किया जाएगा।
स्टेप 7: डेटा उपलब्धता
- आपकी प्रॉपर्टी के लिए डेटा कलेक्शन तब शुरू होता है जब आप अपनी वेबसाइट की प्रॉपर्टी शुरू करते है, भले इसकी वेरिफिकेशन भी न हुई हो।
- हालाँकि, प्रॉपर्टी का डेटा एकत्र होने में कुछ दिन लग सकते हैं।
चरण 8: ओनरशिप में बदलाव
- यदि आपकी वेबसाइट का एकमात्र वेरिफ़िएड ओनर आपकी टीम को छोड़ देता है, तो आपको प्रॉपर्टी तक पहुंच बनाए रखने के लिए ओनरशिप को फिर से वेरीफाई करना होगा।
- यदि आप किसी अन्य ओनर से वेबसाइट का नया वेरिफिकेशन ट्रांसफर कर रहे हैं, तो पिछले ओनर का वेरिफिकेशन टोकन हटा दें।
संक्षेप में
Google search console पर अपनी वेबसाइट को वेरीफाई करना Google सर्च में आपकी वेबसाइट के प्रदर्शन के बारे में जानकारी पाने के लिए एक महत्वपूर्ण टूल है। इस स्टेप-बाय-स्टेप गाइड को फॉलो करके और उचित वेरिफिकेशन मेथड चुनकर, आप अपनी वेबसाइट के ओनरशिप को सफलतापूर्वक वेरीफाई कर सकते हैं और सर्च कंसोल की सुविधाओं की पूरी क्षमता को अनलॉक कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए आप यह भी देख सकते हैं – Google Search Console Help