पर्यावरण की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता का एक बड़ा प्रदर्शन करते हुए, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मिशन नेट ज़ीरो के माध्यम से हुई प्रभावशाली प्रगति की प्रशंसा की। भविष्य को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के देश के मजबूत प्रयास को भारी बढ़ावा मिला क्योंकि केवल नौ वर्षों में सौर ऊर्जा की मात्रा में 54 गुना की भारी वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर मिशन नेट जीरो में हुई उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की। भारतीय रेलवे ने अपने ट्विटर अकाउंट से सौर ऊर्जा डाटा साँझा किया जो की भारत के पिछले 9 वर्षों की यात्रा दिखाता है । देश की सौर क्षमता पिछले नौ वर्षों में 54 गुना बढ़ी है जो की 2014 में 3.68 MW से बढ़कर 2023 में 200.31 MW होगी है। यह नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सौर क्षमता में यह भारी वृद्धि जलवायु परिवर्तन से निपटने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी भविष्य सुरक्षित करने के भारत के दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। देश का मिशन नेट ज़ीरो का अनुसरण वैश्विक मंच पर एक चमकदार उदाहरण बन रहा है, जो अन्य देशों को अपने स्वयं के नवीकरणीय ऊर्जा परिवर्तनों में तेजी लाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
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नेट जीरो क्या है?
नेट ज़ीरो का तात्पर्य वायुमंडल में उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा और वायुमंडल से हटाए गए ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा के बीच संतुलन से है। नेट जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने का तात्पर्य यह है कि उत्पादित कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन वायुमंडल से हटाए गए ग्रीनहाउस गैस की मात्रा के बराबर हो।
व्यावहारिक शब्दों में, इसका मतलब है कि कोई देश, कंपनी या व्यक्ति वायुमंडल में उतनी ही ग्रीनहाउस गैसेस डाल रहा है जितनि की निकाली जा रही है।
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